Saturday, October 4, 2014

एक कवि

किसे कहते हैं एक कवि
कौन होता है एक कलाकार
क्या होती है इनकी पहचान
क्या ये जन्म से ही ऐसे होते हैं
या फिर कर्म बनता है इन्हें
मैं क्या हूँ , शायद कोशिश
कर रहा हूँ कुछ
बनने की इनमे से , पर पता नहीं
क्यों एक डर है मन में
चुप हो कर, छिप कर
लिखना  चाहता हूँ मैं
मेरी जगह ही क्या है इस नयी
दौड़ती भागती तरक्की करती
रंगीन दुनिया में कौन पढ़ेगा
बेरंग, बिना स्याही की बातें
वही तो होता है एक कलाकार
काश मैं भी  ऐसा होता काश

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